May 22, 2010

Shri Gurudev Vachanamrit

संकल्प शक्ति
धार्मिक और लौकिक दोनों विषयों में मनुष्य उतना ही सफल होता है जितना उसका संकल्प दृढ होता है! यदि कार्य में असफलता मिले तो इसका कारण दुर्भाग्य नहीं बल्कि संकल्प की निर्बलता है!
संकल्प एक बहुमूल्य गुप्त शक्ति है, जो कोई इससे काम लेना आरंभ कर देता है, उसे ही महान एवं उच्च बना देती है! अटल संकल्प बहुत बलवान शक्ति है, जो अनुकूल अवस्था को स्वमेव अपनी और खीच लेती है! जीवन की कठिनाइयों को दूर करनेवाली यही एक शक्ति है! संकल्प शक्ति के पूर्ण विकास के लिए दृढ आत्मविश्वास चाहिए और आत्मविश्वास की दृढ़ता ईश्वर भक्ति से उत्पन्न होती है!
सभी संकल्प ईश्वर के प्रति समर्पण और उसी की प्रेरणा से होते हैं! हमारी दुनिया वह नहीं जिसे हम मानते हैं, बल्कि वह है जिसका हम विचार करते हैं! मनुष्य विचारों का समूह ही है, जैसे जिसके विचार होते हैं, वह कालांतर में वैसा ही बन जाता है!
अतः सभी साधकों को रात्रि में सोते समय एवं प्रातः काल जागने पर सभी दिशाओं में अपनी प्रबल वैचारिक शक्ति का विकिरण संपूर्ण जगत में सुख शांति के लिए करना चाहिए :

!! हे पूर्ण परमात्मा पावन हो जीवात्मा विश्व बने धर्मात्मा सुखी रहे सब आत्मा!!

!! ॐ शांति: शांति: शांति: !!
ॐ धौ: शांति: अन्तरिक्ष: शांति: पृथ्वी: शांति: रापः शांति: औषधय: शांति: वनस्पतयः शांति: विश्वेदेवाः शांति: ब्रहामः शांति: सर्वाः शांति: शान्तिरेव शांति: सा मा शान्तिरेधि
!! ॐ शांति: शांति: शांति: !!